मूल निवासियों के लिए सभी नौकरियां आरक्षित, 3 दिन पहले जारी आदेश में बदलाव कर लाया गया नया नियम  
जम्मू-कश्मीर /


" alt="" aria-hidden="true" /> नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सभी नौकरियों को राज्य के मूल निवासियों के लिए आरक्षित कर दिया है। ये ऐसे नागरिक होंगे, जो वहां कम से कम 15 साल से रह रहे होंगे। सरकार ने शुक्रवार को दो दिन पुराने आदेश में बदलाव करके नया आदेश जारी किया है। 1 अप्रैल को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण एवं भर्ती) अधिनियम बदला था। इसमें 10 साल तक काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को भी सरकारी नौकरियों में आवेदन करने की छूट दी गई थी।


इससे पहले ग्रुप-4 तक की सरकारी नौकरियां ही मूल निवासियों के लिए आरक्षित की थीं, लेकिन इसका काफी विरोध हो रहा था। इसकी वजह से सरकार को 1 अप्रैल को जारी अपने नियमों में संशोधन करना पड़ा।
दूसरे राज्यों के लोगों को भी मूल निवासी का दर्जा देने का प्रावधान था
एक अप्रैल को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि केंद्रशासित प्रदेश के राहत और पुनर्वास आयुक्त द्वारा रजिस्टर्ड दूसरे राज्यों के लोग भी मूल निवासी माने जाएंगे। जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार के विभागों ,पीएसयू, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्र से मान्यता प्राप्त शोध संस्थानों में 10 साल तक सेवा देने वाले अधिकारी और उनके बच्चे भी इसके हकदार होंगे। अगर ऐसे बच्चे अपनी नौकरी, व्यापार या पेशेवर कारणों से जम्मू-कश्मीर से बाहर है और उनके माता-पिता कानून के किसी एक मानदंड को पूरा करते है तो भी वे मूल निवासी माने जाएंगे। किसी भी इलाके के तहसीलदार को मूल निवासी प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार होगा।